Mukhyamantri Mahalaxmi Yojana: उत्तराखंड में ‘मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना’ की शुरुआत पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र रावत द्वारा की गई थी। उन्होंने इसे ‘सौभाग्यवती योजना’ के नाम से घोषित किया था। इसकी योजना को पूरी तरह से लागू करने की तैयारी की थी।
इसके बाद, उनके उत्तराधिकारी तीरथ सिंह रावत ने इसे ‘महालक्ष्मी योजना’ नाम बदलकर लॉन्च किया। लेकिन जिस दिन उन्हें इसे लागू करना था, उसी दिन उन्हें दिल्ली बुलाया गया और बाद में उन्हें सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी।
उत्तराखंड मे महालक्ष्मी योजना क्या है?
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना की शुरुआत की गई है। सीएम कार्यालय में सीएम पुष्कर सिंह धामी और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने लाभार्थी महिलाओं को ‘महालक्ष्मी किट‘ वितरित की विभिन्न जिलों की लाभार्थी महिलाएं भी वर्चुअल कार्यक्रम से जुड़ीं, जहां जिलाधिकारियों के माध्यम से ‘महालक्ष्मी किट‘ का वितरण किया गया।
इस योजना के तहत प्रदेश के सभी जिलों में पहले चरण में 16929 लाभार्थियों को लाभ पहुंचाया गया है। इससे प्रतिवर्ष 50 हजार से अधिक लोगों को योजना का लाभ मिलेगा।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस योजना से लिंगानुपात में सुधार देखने को मिलेगा। अगर आप इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो इस आर्टिकल को पढ़ें और जानकारी प्राप्त करें।
योजना का नाम | उत्तराखंड मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना |
---|---|
वर्ष | 2024 |
विभाग | उत्तराखंड मुख्यमंत्री द्वारा |
लाभार्थी | राज्य की महिलाएं |
पंजीकरण प्रक्रिया | ऑनलाइन |
उद्देश्य | महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना |
श्रेणी | उत्तराखंड सरकारी योजनाएं |
उत्तराखंड महालक्ष्मी योजना का उद्देश्य
हम सभी जानते हैं कि गर्भावस्था के समय महिलाओं को अधिक से अधिक स्वच्छता और पौष्टिक भोजन की आवश्यकता होती है, लेकिन कई बार परिवार की आर्थिक समस्याएं इन सबको पूरा करने में मदद नहीं कर पाती हैं। नवजात शिशुओं को भी ये सभी चीजें बहुत जरूरी होती हैं। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार ने ‘उत्तराखंड मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना’ की घोषणा की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को उचित स्वच्छता और पौष्टिक भोजन प्रदान करना है ताकि उनके स्वास्थ्य में सुधार हो। इससे मातृ मृत्यु दर (MMR) और शिशु मृत्यु दर (IMR) को भी कम किया जा सके।
उत्तराखंड महालक्ष्मी योजना के लाभ
- इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को बहुत सारी चीजें उपलब्ध कराई जाएगी जैसे कि बादाम, गिरी, सुखी, कुमाऊंनी, अखरोट, खजूर, दो जोड़ी मोजे, तौलिया, कंबल, शॉल, बेडशीट, सेनेटरी नैपकिन, सरसों का तेल, नेल कटर, साबुन और कपड़े धोने का साबुन।
- बालिका शिशु के लिए भी विशेष सामग्री उपलब्ध की जाएगी जैसे कि शिशु के कपड़े, सूती लंगोट, शिशु तौलिया, शिशु साबुन, तेल, बेबी पाउडर, रबर शीट, शिशु कंबल, टीकाकरण कार्ड, स्तनपान पोषण कार्ड।
उत्तराखंड मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के लिए पात्रता
- आवेदक को उत्तराखंड राज्य में स्थायी निवासी होना चाहिए।
- आवेदक को अवश्य ही गर्भवती होनी चाहिए।
- इस योजना के लाभ के लिए केवल 18 वर्ष से अधिक उम्र की गर्भवती महिलाएं ही पात्र होंगी।
- सभी सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों और आश्रितों को यह योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
उत्तराखंड मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
- पहचान प्रमाण (आधार कार्ड / वोटर आईडी / राशन कार्ड)
- निवास प्रमाण (घर का बिजली बिल, पानी बिल, राशन कार्ड आदि में से कोई एक)
- आयु प्रमाण पत्र
- गर्भवती होने का प्रमाण पत्र (इसे प्राप्त करने के लिए आप प्राथमिक चिकित्सा केंद्र या सरकारी अस्पताल के डॉक्टर से पर्ची या कार्ड प्राप्त कर सकते हैं)
- बीपीएल राशन कार्ड
- आंगनवाड़ी केंद्र पर पंजीकरण
- सरकारी या निजी मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड (एमसीपी कार्ड) की प्रति
- संस्थागत प्रसव प्रमाण पत्र (आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/आशा कार्यकर्ता या डॉक्टर द्वारा जारी प्रमाण पत्र)
- पहली, दूसरी/जुड़वां कन्या के जन्म के लिए स्वप्रमाणित घोषणा
- गैर नियमित शासकीय/अर्धशासकीय सेवक एवं आयकर दाता का प्रमाण पत्र
उत्तराखंड मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना मे आवेदन कैसे करे?
- उत्तराखंड महालक्ष्मी योजना 2022 के तहत आवेदन करने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया उपलब्ध नहीं है।
- जब महिला घर पर बच्चे को जन्म देती है, तो उसे आंगनवाड़ी या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर पंजीकरण प्रमाण पत्र लेना होगा।
- महिला को आवेदन पत्र के साथ बेटी का जन्म प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा।
- आवेदन पत्र प्राप्त करने के लिए आप आशा बहन या स्वास्थ्य केंद्र में तैनात स्वास्थ्य कर्मी से सहायता ले सकते हैं।
- जब आप आवेदन पत्र भरेंगी, तो उसमें पूछी गई सभी जानकारी भरनी होगी।
- इसके बाद आपको उसमें ऊपर बताए गए सभी दस्तावेज संलग्न करने होंगे।
- दस्तावेज संलग्न करने के बाद, आपको इसे संबंधित अधिकारी के पास जमा करना होगा।